तू मुझे फिर अजनबी लगने लगा।
जिस’का डर था बस वही लगने लगा। तू मुझे फिर अजनबी लगने लगा। हम अलग इतना लगे रहने कि फिर, […]
जिस’का डर था बस वही लगने लगा। तू मुझे फिर अजनबी लगने लगा। हम अलग इतना लगे रहने कि फिर, […]
यही है सच तिरा हो भी नहीं सकता। सितम है क्या तुझे खो भी नहीं सकता। किसी की याद अब
नैन से नैन का ख़ुलासा है। सब पता चल गया तू प्यासा है। एक दिन साफ़ सब हो जाएगा, जिस्म
प्यार के ख़ुमार की पुकार भी चली गई। चैन दिल के लूट के तू यार भी चली गई।
मत पूछ दूर मुझ से हो के किधर गया है। मत पूछ दूर मुझ से हो के किधर
ओ कलि कुसुम के भँवरे! क्यूँ भूल गया तू एक नहीं? तू जिस फूल पे है उस पर निश्चित
हँसाती नहीं भी रुलाती नहीं। वफ़ा की लगी दूर जाती नहीं। मेरे यार किस्सा ये