सीधी डगर पिया के घर की
सीधी डग र पिया के घर कीजोड़ दिए तुम मोड़ डगर में।भ्रम का तन भटकन का अचकनपहन लिए तुम सरल […]
सीधी डग र पिया के घर कीजोड़ दिए तुम मोड़ डगर में।भ्रम का तन भटकन का अचकनपहन लिए तुम सरल […]
खिलते जब-जब पुष्प हैं,सुरभित करें जहान।लेने नित मकरंद को,भ्रमर करे रसपान।।भ्रमर करे रसपान,देख कर पुष्प सजीले।प्रणय भाव से मत्त,हुआ
कान्हा तेरे मुख मंडल की,है ये आभ निराली।घुँघराले केशों के सँग में,मोर पंख की डाली।। भाल