छंद

सीधी डगर पिया के घर की

सीधी   डग र  पिया   के  घर  कीजोड़   दिए  तुम  मोड़   डगर  में।भ्रम का तन भटकन का अचकनपहन लिए  तुम  सरल  […]

छंद, डाॅo निशा पारिक

कुण्डलियाँ

खिलते जब-जब पुष्प हैं,सुरभित    करें   जहान।लेने नित मकरंद को,भ्रमर करे रसपान।।भ्रमर करे रसपान,देख कर पुष्प सजीले।प्रणय भाव से मत्त,हुआ