जिंदगी में यूँ कुछ फलसफ़ा होता गया।
जिंदगी में यूँ कुछ फलसफ़ा होता गया।और फिर यूँ उन से फ़ासला होता गया। रात अपने हम में चाँदनी […]
जिंदगी में यूँ कुछ फलसफ़ा होता गया।और फिर यूँ उन से फ़ासला होता गया। रात अपने हम में चाँदनी […]
मेरी मुझ में इजात होती है।मेरी धड़कन ही साथ होती है। मैं भी तन्हा कभी नहीं होता,मेरी आईने ‘से’ बात
रात की याद में दिन गुजारा गयादेखते देखते वक्त सारा गया हस दिए आप भी गम
अपने-अपने लोग अपने लोग अपने खो गएँ।हमने महफिल को पुकारा और तन्हा हो गएं। कोई बच पाया नहीं उसके नज़र
देखते थे जिन्हें इक नज़ र के लिएवो नज़र भी न आए नज़र के लिए कल सुबह हम उन्हें
आज फिर सनम हमे उदास रहने दीजिए।दर्द भी सनम जिगर ‘के’ पास रहने दीजिए। इश्क़-विस्क छोड़ मौत की यहीं
अपने आँखों के मोती को चुन-चुन उठा लूं मैं।रुकना यारों थोड़ा कुछ ‘औ’भी चोट खा लूं मैं। मेरे पलकों
दिन की बातों पे रात टाली है।यूँ हर ख्यालों में बेख़याली है। मिलता हरदम हूँ मैं हजारों से,दिल का कमरा
ग़म ये दिल में पले और तू आए।दिल की बस्ती जले और तू आए। आईने की तरह सच कहे कोई,फिर