©️संदीप कुमार तिवारी 'श्रेयस', रुबाई

रुबाई

कि हम चाहें अगर तो इस जहाँ में क्या नहीं होता।मगर दिल बे- ग़रज़ कोई यहाँ  अपना  नहीं  होता।सितम ये […]