मुक्तक
ज़मीं को आसमाँ जितना जहाँ में कौन समझेगा।मुझे मालूम है लोगो वो मेरा मौन समझेगा।जिसे मैं दिल समझता हूँ जिसे […]
ज़मीं को आसमाँ जितना जहाँ में कौन समझेगा।मुझे मालूम है लोगो वो मेरा मौन समझेगा।जिसे मैं दिल समझता हूँ जिसे […]
नश्वर नेह तुम्हें क्या पाऊँ,झूठी जग की प्रीत मनाऊँ।कण कण में कृष्ण रमे हो,सरल स्नेह से तुम्हें रिझाऊँ।। देख
छल माया अविचल प्रबल, गरल नेह संसार।सहज सत्य परब्रह्म सुख,भज मन तू निर्विकार।। छल माया अविचल प्रबल, गरल नेह संसार।सहज