नज़्मकिसी की याद में हम रातभर नहीं सोते। कहें कैसे कि मेरे नैन तर नहीं होते।किसी की याद में हम रातभर नहीं सोते। नहीं मालूम कब हम […]
नज़्मनज़्म कोई दम तक ज़िंदगी निकलेहादसों को तो चैन मिला।सांस जैसे रुक सी गयीजाँ निकली तो क्या हुआ।वक्त के साथ हम
नज़्मनज़्म जब कभी दामन मेरा आह की बारिश से सराबोर हो।तुम मिल जाया करो मुझ से यूँही दस्तरस।जब कभी बैठ कर