दिवाली दोहा
दीप दिवाली के जले, रोशन हो संसार |वर्षण हो धन धान के, खुशियाँ अपरंपार || प्रीत मिलन जग रास की, […]
दीप दिवाली के जले, रोशन हो संसार |वर्षण हो धन धान के, खुशियाँ अपरंपार || प्रीत मिलन जग रास की, […]
प्रीत पगा मन बावरा, देख रहा पथ आज।मिल जाए साजन अभी, या विष पीलूँ आज।। बरस रहे है बादरा, या
शरद आगमन की घड़ी, शीतल मन्द बयार।धूप गुनगुनी नेह सी, मादक गंध बहार।। छाँव लगे ये ठिठुरती, धूप दुपहरी भाए।मन