क़ता
कित’ने हिस्सों में बट गई ज़िंदगी।किस से जा के लिपट गई ज़िंदगी।वक्त सोचा था बीत जाए मगर,वक्त कटना था कट […]
कित’ने हिस्सों में बट गई ज़िंदगी।किस से जा के लिपट गई ज़िंदगी।वक्त सोचा था बीत जाए मगर,वक्त कटना था कट […]
1. दिल को है तिरे जिस पे अब नाज़ कभी मैं था।तेरी दुनिया में जो है आज कभी मैं था।यूँ
1.सुना है तुम अकेले में बहुत फ़रयाद करती हो।नहीं हूँ मैं कहो तुम अब किसे बर्बाद करती हो।बिछड़कर भूल जाना