कामवासना पे विजय पाना सीखे
अगर आप सोच रहे हैं कि कामवासना को कैसे रोके तो सबसे पहले तो यह सवाल उत्पन्न होता है […]
अगर आप सोच रहे हैं कि कामवासना को कैसे रोके तो सबसे पहले तो यह सवाल उत्पन्न होता है […]
आज हम ग़ज़ल में मात्रा गिराना सीखेंगे। अगर आप एक अच्छे ग़ज़लकार बनना चाहते हैं तो आपको इतना तो जरूर
यदि आप कविता लिखना चाहते है तो सबसे पहले आपकी भावनाएँ उस अस्तर तक होनी चहिए जहाँ से कविता
जिंदगी में यूँ कुछ फलसफ़ा होता गया।और फिर यूँ उन से फ़ासला होता गया। रात अपने हम में चाँदनी
मेरी मुझ में इजात होती है।मेरी धड़कन ही साथ होती है। मैं भी तन्हा कभी नहीं होता,मेरी आईने ‘से’ बात
रात की याद में दिन गुजारा गयादेखते देखते वक्त सारा गया हस दिए आप भी गम
अपने-अपने लोग अपने लोग अपने खो गएँ।हमने महफिल को पुकारा और तन्हा हो गएं। कोई बच पाया नहीं उसके नज़र
देखते थे जिन्हें इक नज़ र के लिएवो नज़र भी न आए नज़र के लिए कल सुबह हम उन्हें