छोड़कर जानेवाले को कैसे भूले?
किसी की याद से पीछा कैसे छुड़ाए
किसी की याद सता रही है यानी आपने किसी से प्रेम किया है, अगर आप किसी से सच्चा प्रेम करते हैं तो उनकी यादों से पीछा छुड़ाना संभव नहीं।
प्रेम तो दो व्यक्तियों को एक कर देता है फिर किसी को त्यागने का मतलब खुद को त्यागना जो कि संभव नहीं।
फिर भी एक बात खयाल रहे!
एक सच्चा रिश्ता मिलना बहुत मुश्किल होता है आज के जमाने में,भगवान् मिल सकते हैं पर सच्चे रिश्तों का पता नहीं मिले न मिले।
ऐसे में अगर आपसे कोई रूठ गया हो तो उसे मना लेना ही ठीक है,झगड़ा-तकरार तो होता ही रहता है।
लेकिन आपको यह पता चल जाए कि उसकी ज़िंदगी में आपकी कोई अहमियत नहीं ,या फिर सामने वाले का पसंद अब कोई और बन गया है तो फिर ऐसे में आपको उन्हे भूलने का विचार करना जरूरी हो जाता है,फिर ऐसे व्यक्ति को याद रखना एक मूर्खता है,ये बस दीवार पे सर मारने जैसा होगा,इससे बड़ी मूर्खता क्या हो सकती है कि आप दीवार से बात करे और बदले में कोई रिप्लाई न मिले फिर भी आप बात किए जाए।
यह तो एक बीमारी है,पागलपन है और कुछ नहीं।
ध्यान करें(Meditation)। ध्यान के द्वारा भी किसी को भूलना बहुत आसान बनाया जा सकता है।
ध्यान और योगासनों द्वारा खुद में बहुत बदलाव किया जा सकता है।
आप इसे यूट्यूब पे भी सर्च कर सकते हैं, इसकी सारी वीधियाँ देखने को मिल जाएंगी कि किसी को भुलाने के लिए भी ध्यान किया जा सकता है।
ध्यान करे और परमात्मा को सदा अपने साथ महसूस करें।
अगर आपका प्रेम सच्चा है:- तो भी आपको जैसे ही पता चलता है कि अब शख्स किसी और को चाहने लग गया है तो आप उन्हे आसानी से अपनी ज़िंदगी से निकल जाने देंगे; क्यूँकि प्रेम कोई बंधन नहीं,प्रेम तो स्वतंत्रता का प्रतिक है, प्रेम में तो प्रेमी जोड़े बस एक-दूसरे को खुश देखना चाहते हैं और फिर कोई आपको छोड़ के खुश है तो जाने दे उसे वैसे ही खुश होने दे।
यह भी हो सकता है उसे किसी एक के साथ रहना पसंद नहीं-
ओ कलि कुसुम के भँवरे! क्यूँ भूल गया तू एक नहीं?
तू जिस फूल पे है उस पर निश्चित तेरा परिवेश नहीं!
जिस फूल के संग में तुमने जोड़ लिया अब नाता है,
वो तो है मधुमास लिए उसके अवतार हज़ारों हैं।
तुम जैसे यार हज़ारों हैं!
तू मुग्ध हुआ जिस रूप पे वो रूप किसी का सपना है।
अब रहने दे तू मान भी जा,ये भूल जा कोई अपना है।
बावरा मन तू जिसके लिए पागल होता ही जाता है,
प्रेम जगत के हाट में उसके खरीदार हज़ारों हैं।
तुम जैसे यार हज़ारों हैं!
मैं अंतःकरण की लहर,मुझमें खो जा व्याप्त हो जा।
जिसे बाहर ढूंढ रहा है तू,उसने तुमको कब समझा?
अब मैं कैसे समझाऊँ,क्या तुम्हे समझना आता है,
तेरा तो बस एक वही,उसके तो प्यार हज़ारों हैं।
तुम जैसे यार हज़ारों हैं।
©️संदीप🪔
एक दूसरा पहलू यह भी है कि जब सामनेवाले को आपकी कोई कद्र ही नहीं आपकी कोई फिक्र ही नहीं तो ऐसे व्यक्ति को क्यूँ याद करना भा ड़ में जाए।
जब वो आपकी कद्र नहीं करता फिक्र नहीं करता,कम-से-कम आप तो अपनी कद्र कर लो,आप तो अपनी स्वाभीमान की रक्षा कर लो!
चलो मान लिया आपका कोई बहुत प्यारा था अपना था पर अब तो वो नहीं है न! कभी भी किसी व्यक्ति से प्रेम नहीं होता याद रखना,व्यक्ति के व्यक्तित्व से प्रेम होता है और व्यक्तित्व बदलता रहता है।
अगर किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व आपके लिए बदल जाए तो समझ लीजिए वह व्यक्ति भी आपके लिए मर चुका,और मरे हुओं को याद करने से कोई फायदा नहीं,मरे हुए लोग वापस लौटकर नहीं आते।
किसी के अचानक बदल जाने से मन ने बहुत व्याकुलता दिखाई,दिल ने कहा अचानक लोग कैसे बदल जाते हैं?
तभी आत्मा ने ये कहते हुए सब संभाल लिया कि अचानक तो लोग मर भी जाते हैं। दु:खी क्यूँ होते हो ईश्वर को धन्यवाद दो तुम्हारा वाला तो सिर्फ बदला है मरा तो नहीं।
इस बात का हमेशा स्मरण रखे कि;
जो जाते हैं वो लौटकर जरूर आते हैं
वो लोग नहीं आते जो चले जाते हैं।
ज़िंदगी एक ही होती है, किसी ऐसे के लिए मत गवाए जिसे आपकी कोई कद्र न हो।
अपना सारा समय अपने गोल को पूरा करने में लगाएँ चाहे आप लड़का हो या लड़की।
धोखा किसी भी साईड से मिल सकता है।
अंत में बस इतना ही कहना चाहूँगा,आप लड़का हैं या लड़की जीवन में सबसे पहले अपने लक्ष्य से प्रेम कीजिए एकदिन कामयाबी मिलने के बाद अपने आप हज़ारों लोग आपसे प्रेम करनेवाले बिन बुलाए मिल जाएंगे। जीवन में सफलता पाने के लिए हमे क्या करना चाहिए।
और भूल जाए उसे जिसको आपकी कोई कद्र नहीं, नहीं तो ज़िंदगी भर बेकदरो की ज़िंदगी बितानी पड़ेगी।
धन्यवाद🙏
सही राय सही दिशा में कदम बढ़ाना ही अच्छा है
किसी के साथ जबरदस्ती से रहा नहीं जा सकता
हर रोज़ उपेक्षा सहन कर सहज रहना आसान नहीं होता और ये बात किसी से कहना भी बहुत मुश्किल होता है