अगर आप सोच रहे हैं कि कामवासना को कैसे रोके तो सबसे पहले तो यह सवाल उत्पन्न होता है कि कामवासना को रोकना ही क्यूँ?
तो उत्तर है कि हर व्यक्ति की ज़िंदगी में कुछ-न-कुछ गोल (लक्ष्य) जरूर होता है जिसे पूरा करने के लिए मन का शांत होकर एक ही दिशा में फोकस करना बेहद जरूरी है; लेकिन इसमें सबसे अधिक कोई चीज़ हमे बाधा पहुँचाती हैं तो वो है कामवासना, जी हाँ उम्र का प्रभाव हमे अपने लक्ष्य से भटका सकता है।
तो आइए हम इसे समझते हैं।
पोस्ट को पूरा पढ़िएगा अगर आपकी ज़िंदगी यहाँ से नहीं बदले तो मेरे नाम से दो-चार कु त्ता जरूर पाल देना।
मन एक खाली खेत है जैसा बीज बोओगे वैसी फसल निकलेगी।
कामवासना भी मन का ही एक प्रभाव है, यह भी सत्य है कि इसमें शरीर और उम्र की भी भूमिका होती है; लेकिन मन इसमें मुख्य भूमिका निभाता है।
इसे हम ठीक से समझते हैं। सारा खेल है मन के विज्ञान को समझने की।
सबसे पहले तो ये समझ ले कि कामवासना कोई ट्रैक पे आती हुई गाड़ी नहीं कि इसे रोका जाए, यह आपके शरीर में उठा हुआ एक आवेग है, एक तरंग है। यह तो एक नदी जैसा है और नदी को रोका नहीं जाता उसकी दिशा बदली जाती है, नदी को रोकने का कोई उपाय नहीं लेकिन दिशा जरूर बदली जा सकती है।
मन के आवेग को रोकना मतलब उसकी दिशा बदल देना, यदि इसे रोकने का प्रयोग करोगे तो यह आग में घी डालने का काम करेगा।
कामवासना को रोका नहीं जाता परिवर्तित करना सीखो।
काम वासना से निजात पाने के कुछ आसान उपाय और कुछ बातें जो हमे समझना बेहद जरूरी है।
1. मन के विज्ञान को पहले समझे
2. शरीर के विज्ञान को समझे
3. आस पास के वातावरण को समझे और उस हिसाब से अपनी दिनचार्या सेट करे।
4. भोजन में बदलाव
5. मोबाईल फोन और शोसल मीडिया का सही प्रयोग
6. समय पे सोना और जगना
7. योग और ध्यान करना
8. हमेशा अपने लक्ष्य पे ध्यान देना।
मन के विज्ञान को पहले समझे:- सारा खेल मन का है, मन आपका शत्रु नहीं यह आपका ही प्रतिरूप है। मन को रोकना मत इसे समझा लेना, इसे अपना मित्र बना लेना अब रही बात कामवासना की तो इसे भी ठीक से समझ लें। मन एक खाली खेत की तरह है इसमे जैसा बीज डालोगे वैसी फसल उगेगी, जिस प्रकार खेतों में अनेक प्रकार की फसल उपजाई जाती हैं और उन सब के अलग-अलग गूण होते हैं। उसी प्रकार मन में अनेकों विचार उत्पन्न होते रहते हैं और उन विचारों से मन में कईं तरंगे उठती रहती हैं, जैसे विचार वैसे तरंग।
आप एक प्रयोग कर के इसे समझ लेना।
पहले एक कमेडी वीडियों देखना आप हंसना शुरु करोगे, फिर कोई सीरियस वीडियो देखना आप सीरियस हो जाओगे, फिर कोई दु:ख भरी कहानी वाला वीडियो देखना आप रोना शुरु करोगे और फिर कोई गंदी कामुक वीडियो देखना आप देखोगे की जो मन अभी रो रहा था वही पल भर में सेक्स करने के लिए उतावला हो जाएगा।
तो बात समझ में आई! इसमें मन का कोई दोष नहीं हम इसमें जैसे विचार भरेंगे इसकी वैसी ही दिशा बदलेगी।
यह भी खयाल रहे कि अगर मन में किसी प्रकार के विचार नहीं चल रहें है तो भी कामवासना के उत्पन्न होने की संभावना है ठीक उसी प्रकार जैसे खाली खेत में कोई फ़सल न बोओ तो घास-फुस उग जाते हैं। खाली मन भी शैतान का अड्डा होता है।
अपने मन में वही विचार और यादास्त भरे जिससे अपका मन शांत रहे।
- शरीर के विज्ञान को समझे।:- हम जो भोजन करते हैं उससे हमारे शरीर का निर्माण होता हैं। हमेशा गरिष्ट भोजन करोगे तो,मन हमेशा अशांत ही रहेगा।
हमेशा सात्विक भोजन करे जबतक आप अपने गोल को प्राप्त ना कर ले।
3.आस-पास के वातावरण को समझे।:- अपने आस-पास के वातावरण को समझे फिर उसके अनुसार अपनी दिनचार्या सेट करे। कई बार हमारे आस-पास हमसे जुड़े लोग अगर बुरे हैं तो उनका असर भी हम पर काफी हद तक पड़ सकता है।
- भोजन में बदलाव:- भोजन बहुत हद तक हमारे शरीर और हमारे मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है। गर्म तासीर का भोजन हमारे मन पे भी बुरा असर डालता है।
बहुत अधिक भोजन करना, बार-बार भोजन करने से और गरिष्ट भोजन करने से, अधिक मात्रा में फास्ट फूड खाने से, अधिक तेल मसाला खाने से भी कांस्टिपेशन होता है और मुलाधार पे दबाव बनता है जिससे कामवासना उत्तपन्न होती है। - मोबाईल फोन और शोसल मीडिया का सही प्रयोग:-
हम पहले अपने ही घर में आग लगाते हैं और फिर बोलते हैं हाथ जल गया, आज की युवा पीढ़ी या फिर कोई भी व्यक्ति क्यूं न हो! दो से तीन घंटा मोबाईल फोन का उपयोग जरूर करता है; लेकिन अफोशोस के साथ कहना पड़ रहा है कि इन दो-तीन घंटों में हम सब इसमें ज्यादातर बेकार की ही चीजें देखते हैं।
हम खुद ही आग में हाथ डालते हैं और खुद ही आग को कोसते हैं कि हाथ जला दी। अब मन में सेक्स को उत्तेजित करनेवाले वीडियो देखोगे, तस्वीरें देखोगे, रिल्स देखोगे तो जाहिर सी बात है कामवासना उत्पन्न होगी ही। कितने लोग तो पाॅर्न के भी आदि हो चुके हैं अगर इन सब आदतों को आप नहीं छोड़ते तो लिखकर रख लो एक दिन अत्महत्या करना पड़ेगा, आकाल मृत्यु हो जाएगी क्यूँकि यह सब करने से शरीर के साथ-साथ मानसिक दुर्बलता बढ़ती है।
आप कोई सही फैसला नहीं ले पाओगे।
जीवन में असफलता हाथ लगेगी और असफल लोगों का कोई नहीं होता यहाँ तक की एक दिन माँ-बाप भी साथ छोड़ देते हैं। - समय पे सोना और जगना:- रात्री 9 बजे तक सो जाए और सुबह मौसम के अनुसार हमेशा सूर्योदय से एक घंटा पहले जगे, इससे जो आपके जीवन में बदलाव होगा आप देखकर हैरान हो जाओगे। और साथ ही खाया पिया ठीक से लगेगा और शरीर प्रफ्फूलित रहेगा।
- योग और ध्यान करना:- सुबह आधा घंटा योग और एक घंटा ध्यान जरूर करे, 6 माह बस इसे किसी तरह बलपूर्वक कर लो उसके बाद ज़िंदगी भर यह आपसे छूटेगा नहीं।
ज़िंदगी में कितना बेहिसाब आनंद है इससे आपको पता चल जाएगा और सबसे बड़ी बात है आप अपने लक्ष्य को समय से कईं गूना तेज रफ्तार में पा सकते हैं।
8.हमेशा अपने लक्ष्य पे ध्यान दे:- ऐसा कोई काम नहीं कि इंसान चाहे और उसे ना कर सके, सिर्फ जरूरत है सही लक्ष्य का चुनाव करना और एकाग्र होकर उसपे काम करना। जबतक आप अपने लक्ष्य नहीं प्राप्त कर लेते आपके और आपके लक्ष्य के बीच किसी तीसरे को बिलकुल मत आने दो।
अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करे इसे भी पढिए यह आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।
धन्यवाद।
सुझाव कैसा लगा हमे अवश्य बताएँ। कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।