क़ता

1.सुना है तुम अकेले में बहुत फ़रयाद करती हो।
नहीं हूँ मैं कहो तुम अब किसे बर्बाद करती हो।
बिछड़कर भूल जाना था मगर तुम याद हो अब तक,
मुझे तुम याद हो मतलब अभी भी याद करती हो।

2.फिर किसी से दगा करेंगे
छोड़कर हमको क्या करेंगे
बेवफ़ाई हुनर है जिनकी
सोचना क्या वफ़ा करेंगे

3.मारे होठों की सब हँसी छीन ली
ज़िदगी ने ही मेरी ज़िंदगी छीन ली
मैं जिसके साथ कुछ दिन खुश रहा
उसी ने हर दिन की ख़ुशी छीन ली

4.एक हादसा था सो यारो टल गया समझो।
वक्त तो बदलता ही है बदल गया समझो।

कौन दे गवाही इस दिल को कौन समझाए,
जो निकल गया दिल से वो निकल गया समझो।

©️ संदीप कुमार तिवारी’श्रेयस’

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