मुक्तकBy रचना की शैली / October 4, 2024 छल माया अविचल प्रबल, गरल नेह संसार।सहज सत्य परब्रह्म सुख,भज मन तू निर्विकार।। छल माया अविचल प्रबल, गरल नेह संसार।सहज सत्य परब्रह्म सुख,भज मन तू निर्विकार।। ~डाॅ निशा पारीक