- सबसे पहले हम यह समझ ले कि मुक़्तक है क्या?
सीधे तौर पे कहें तो चार पंक्तियों का ऐसा समूह जो एक निश्चित मात्रा में लिखा गया हो और जिसे गाया जा सके ऐसी छंदबद्ध रचना को मुक्तक कहते हैं ; लेकिन कोई जरूरी नहीं कि यह चार पंक्तियों का ही हो,हाँ यह बात जरूर है कि यह रचना हमेशा चार पंक्तियों के लाॅट में ही पाई जाती है।
मुक्तक एक बहुत ही प्राचीन लयबद्ध रचना है,जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो जाता है कि यह एक मुक्त रचना है, इस रचना के पंक्तियों का आशय एक-दूसरे के साथ मेल खाए ये कोई जरूरी नहीं।
एक मान्यता के अनुसार मुक्तक शब्द का नाम सबसे पहले संस्कृत काव्य परंपरा में आनन्दवर्धन जी ने प्रस्तूत किया।
उदाहरण स्वरूप कुछ मुक्तक नीचे दिये जा यहा हैं
मुक्तक
1222/1222/1222/1222
ज़मीं को आसमाँ जितना जहाँ में कौन समझेगा।
मुझे मालूम है लोगो वो मेरा मौन समझेगा।
जिसे मैं दिल समझता हूँ जिसे मैं जाँ समझता हूँ,
अगर वो ही नहीं समझा मुझे फिर कौन समझेगा।
©️संदीप कुमार तिवारी’श्रेयस’
1222/2222/1222/2222
कभी पानी में बूंदे हैं कभी बूँदों में पानी है।
मुहब्बत करनेवालों पे सभी बातें बेगानी है।
मुझे दीवाना कहते हो यही दीवानापन जिस में,
कभी मोहन दीवाने हैं कभी राधा दीवानी है।
©️®️संदीप कुमार तिवारी ‘श्रेयस’
चार पंक्तियों के जितने भी मात्रिक छंद रचना हैं सब मुक्तक की श्रेणी में आते हैं, मुक्तक रचना बहुत पूरानी शैली की रचना है। आपने देखा होगा रामायण में भी बहुत सारी चौपाईयाँ कहीं गईं हैं,सब मुक्तक रचना हैं।
आप जैसे ग़ज़ल लिखते हैं उसी लय मात्राओं पे मुक्तक भी लिख सकते हैं, लेकिन यह हमेशा चार पंक्तियों के ही लाॅट होनी चाहिए और कोई जरूरी नहीं कि ग़ज़ल के ही मात्राओं में सभी मुक्तक लिखे जाए, हिंदी के छंद शास्त्र के अनुसार भी मात्राए लगाई जा सकती है।
चाहे आप जो भी मात्रा क्रम ले लेकिन पहली पंक्ति जिस मात्रा में लिखी गई है बाकी की सभी पंक्तियाँ भी उसी मात्रा क्रम में होंगी जैसे नीचे एक उदाहरण देखे
1222/2222/1222/2222
कभी पानी/ में बूंदे हैं/ कभी बूँदों /में पानी है।
1222/2222/1222/2222
मुहब्बत कर/नेवालों पे /सभी बातें /बेगानी है।
1222/2222/1222/2222
मुझे दीवा/ना कहते हो /यही दीवा/नापन जिस में,
1222/2222/1222/2222
कभी मोहन /दीवाने हैं/ कभी राधा /दीवानी है।
आशा करता हूँ कि आप सभी को समझ में आ गया होगा। फिर भी कोई सवाल हो तो हमें कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखे तब तक के लिए धन्यवाद जय राम जी की