सफलता की कुंजी

 की सफलता की कुंजी

तुम कितने अच्छे हो यह मायने नहीं रखना,सामनेवाला कैसा है यह मायने रखता है।
अगर वो अच्छा है तो वो तुम में अच्छाई देखेगा और अगर वो बुरा है तो तुम में बुराई ही देखेगा चाहे तुम लाख अच्छा कर लो।
इसलिए दोस्त! जो तुम्हे अच्छा लगे वहीं करना,बेहतर बनने की कोशिश और दूसरों को खुश रखने की कोशिश में कहीं ऐसा ना हो तुम खुद को ही खो दो।
यह दुनिया किसी की नहीं होती।
लोग तो बस मजा लेते हैं। तुमने देखा, तुम अपने ही घर किसी कारण से झगड़ते हो तो कितने लोग तमाशा देखने को इकट्ठा हो जाते हैं। लेकिन जब तुम्हे किसी की जरूरत होगी तो कोई दिखाई भी नहीं देंगे। आज के पोस्ट में हम चाणक्य द्वारा सफल होने का राज जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं।

चाणक्य कहते हैं, यह दुनिया उसी के काम आती है जो दुनिया के काम लायक हो। यहाँ घोड़े वाले को घोड़ा मिलता है हाथी वाले को हाँथी मिलता है। लेकिन एक गरीब पे लोग बस तरस ही खा सकते हैं और कुछ नहीं कर सकते।
यह दुनिया उसी की है जो सामर्थ्यवान है।

चाणक्य और चंद्रगुप्त के बीच बातचीत।

एक समय की बात है जब चंद्रगुप्त निराश बैठे थे। चाणक्य ने उनसे निराशा का कारण पूछा।
चंद्रगुप्त ने कहा। गुरुवर, मेरे जीवन में इतनी हादसाएँ हो चुकि हैं कि अब किसी पे भरोसा नहीं होता। ऐसा लगता है इस संसार में सिर्फ मक्कार और झूठे लोग ही भरे पड़े हैं।
समझ नहीं आता कि किस पर भरोसा करूँ और किसके सहारे यूद्ध लड़ू।
चाणक्य ने कहा। संसार में जब कोई भी भरोसा करने लायक ना लगे तो परमात्मा पे भरोसा करना। तुम क्यूँ भूल जाते हो कि संसार में सिर्फ लोग नहीं परमात्मा भी है, और एक वही है जिसपर आँख मूंदकर भरोसा किया जा सकता है।
और हे चंद्रगुप्त। जब तुम्हे लगे कि अब कोई नहीं जिसके सहारे जीवन पथ पे आगे बढ़ा जाये तो तुम धैर्य का सहारा लेना। जो व्यक्ति धैर्यवान नहीं है वो जीवन में कुछ नहीं कर सकता।

हमें जीवन में कैसे आगे बढ़ना चाहिए।

दोस्तों! कोई फर्क नहीं पड़ता कि कुछ लोग रूठ जाएंगे। कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसे खुशी मिलती है और किसे दुख पहुंचता है मेरे कामयाब होने से। अगर मैं सही हूं, अगर मैं गलत नहीं, तो मैं अपने सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ता जाऊंगा। मैं कसम खाता हूं कि मैं अपने अहंकार को त्याग कर, किसी से किसी प्रकार का ईर्ष्या किए बिना आगे बढूंगा। हां मुझे पता है। किसी का साथ छूटेगा, किसी का दिल टूटेगा। लेकिन मुझे यह भी पता है कि जीवन में मुझे सक्सेस नहीं मिला तो, मेरे पास मेरे करीब खड़े होकर हंसने वालों में से यही लोग खड़े होंगे जिनके साथ छोड़ देने से आज किसी का दिल टूट जाता है‌। मुझे पता है कि यह दुनिया उसी की होती है जिसने पुरुषार्थ किया। जिसने कुछ बन कर दिखाया हो। इसलिए आज से मैं कसम खाता हूं कि तब तक नहीं रुकूंगा जब तक अपने मंजिल को पा नहीं लेता। जब तक कामयाबी मेरी कदम नहीं चूम लेती।
बस। बस यही साहस जिगर में भर लो, भरोसा और उम्मीद सिर्फ भगवान पर रक्खो और आगे बढ़ो‌। बस इतना जान लो मेरे भाई, कि अगर तुम कामयाब नहीं होते तो यहां कोई तुम्हारा नहीं होने वाला। तुम किसी से प्यार करते हो, तुम किसी से बहुत जुड़ गए हो तो भी मैं कहूंगा कि उससे किसी प्रकार की उम्मीद मत रखना नहीं तो पछताओगे। तुमको जिस पर सबसे अधिक भरोसा है ना! वही एक दिन तुम्हें ऐसा तोड़ेगा की जिंदगी में कभी नहीं जुड़ पाओगे याद रखना।

इन तीन चीज़ों की कद्र करो,फिर सारी दुनिया तुम्हारी कदर करेगी।

पहला:- वक्त की कदर करो। ये किसी के लिए नहीं रुकता।

दूसरा:- अपने स्वाभिमान की कदर करो, क्यूँ कि तुम खुद को रिस्पेक्ट दोगे तभी दुनिया तुम्हे रिस्पेक्ट देगी।

तीसरा:- उन लोगों का हमेशा कदर करना जो तुमसे जलते हैं। तुम्हारी निंदा करते हैं और जिन लोगों ने तुम्हे धोखा दिया।
क्यूँ कि यही वो लोग हैं जो तुम्हे सफल बनाते हैं।

मन को कैसे संभाले और आगे कैसे बढ़े?

मुझे पता है, मन को समझाना बहुत कठिन है।
लेकिन मेरे दोस्त, मेरा यकीन मानो।
यहाँ गिरते को सहारा और डूबते को किनारा।
दोनो ही नहीं मिलता।
क्या कर सकते हैं? ये दुनिया ऐसी ही है।
यहां हर आदमी यह घात लगाये बैठा है कि सामने वाले के मूँह से निवाला कैसे छीना जाए।
मुझे पता है तुम्हें मेरी बात अजीब लग रही होगी।
पर जानते हो, सबसे ज्यादा तकलीफ तब होती है जब किसी का भ्रम टूटता है।
अगर अभी तक तुम्हारा दिल नहीं टूटा तो तुम बहुत नशीबवाले हो।
फिर भी सतर्क रहना। क्यों कि एक बार दिल टूट जाने के बाद सारी जिंदगी किसी से दिल लगाने की हिम्मत नहीं होती।
नफ़रत हो जाती है इस दुनिया से, यहाँ के लोगों से।
हर वक्त अकेले रहने को जी चाहता है।
लेकिन जो कुछ भी हो तुम्हे कुछ करना ही होगा, क्यूँकि तुम एक मर्द हो।
परिवार की उम्मीदें भी तुम्ही पे टिकी हैं।
मर्द तो एक ऐसा पेड़ है, जिसकी छाव तले कईं ज़िंदगियाँ आराम करती हैं।
इस लिए दोस्त तुम हार मत मानना।
अपने तमाम ग़म को भूलकर तुम्हें जीना होगा।
जीवन में सफल हो के दिखाना ही होगा।
तुम्हें आगे बढ़ना होगा।
तुम्हें बढ़ना होगा दुख को अपनी ढाल बना कर।
तुम्हे बढ़ना होगा खुद को विशाल बना कर,इक नई चाल बनाकर,ज़िंदगी खुशहाल बनाकर।
हाँ तुम्हे बढ़ना ही होगा,क्यूँकि तुम ही सहारा हो उस पिता कि जिसने ये सोच रक्खा है कि मैं नहीं तो कम से कम मेरा बेटा ही कुछ कर के दिखाएगा।
तुम्हे बढ़ना ही होगा अपनी माँ की आँखों की प्यास के लिए जो सिर्फ तुम्हारे सक्सेस होने की बाट तक रही हैं।
हाँ तुम्हे बढ़ना ही होगा।

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चाणक्य कहते हैं,जितना आप अपने दुख से दुखी होकर दुख के बारे में सोचते हैं, उतना सामाधान के बारे में सोचते तो शायद आपकी जिंदगी कुछ और होती।
समस्याएँ वास्तव में उतनी प्रबल नहीं होती जितना हम मान लेते हैं।
जीवन है तो संघर्ष भी चलता रहेगा।
दुख से प्रभावित होना स्वभाविक बात है, लेकिन उसी में डूबे रहना बुद्धिमानी नहीं। बुद्धिमान तो वह है जो अपना वक़्त हतास होने के बजाय समस्याओं का हल ढूंढने में लगाए।
अगर तुम हार मानते हो इसका मतलब अभी भी तुम्हें उम्मीद है कि कोई मसीहा आएगा और तुम्हारी परेशानी को हल कर लेगा। हाँ! तभी तो तुम हार मान लेते हो। नहीं तो जिसे पता हैं कि जो कुछ भी हो उसी को करना है तो जरा सोचो, क्या उसे हार मानकर आराम से बैठने को वक्त है।
ऐसा बिलकुल नहीं होता। कोई भी तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर सकता, भगवान भी नहीं।
अगर भगवान को भी कुछ करना होता तो दुनिया में रोज लाखों लोग अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर आत्महत्या नहीं करते।
तुम्हें खुद ही कुछ करना होगा। अब समय आ गया है कि तुम खुद को पहचानो, आगे बढ़ो दोस्त! तुम्हारी ज़िंदगी सिर्फ तुम ही बदल सकते हो।

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उम्मीद करता हूं आप सभी को यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और खुद को काफी मोटिवेट करने को मिला हो होगा। अगर आपके जीवन से कुछ सवाल जुड़े हुए हैं तो हमें अवश्य कमेंट कीजिए मैं कोशिश करूंगा उनके लिए सही सुझाव दे सकूं धन्यवाद।

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