हँसाती नहीं भी रुलाती नहीं।
वफ़ा की लगी दूर जाती नहीं।
मेरे यार किस्सा ये क्या हो गया,
मुझे ज़िंदगी रास आती नहीं।
जिसे देखिए सब परेशान हैं,
किसे ज़िंदगी आज़माती नहीं।
मेरे आँसुओं की कसम है मुझे,
तेरी याद मुझको सताती नहीं।
नहीं मैं परेशां नहीं हूँ मगर,
मुझे बस ये वीरानी भाती नहीं।
मैं अपना तो वादा निभाता रहा,
मगर जान मेरी निभाती नहीं।
उसे ये दुआ है वो फूले फले,
वफ़ा जिस को मुश्किल से आती नहीं।
©️संदीप कुमार तिवारी
all the very best bhai… Bohut khoob, bohut khoob
thank u