दिलों में हौसला नस-नस में और खून भरना है।
जहाँ मुश्किल हो चलने में उसी राह से गुजरना है।
मैं कुछ नहीं पा के अब भी खोने के डर से बचा हूँ,
यही अच्छा है, कुछ पा के भी क्या करना है।
ज़िंदगी के सुख-दु:ख से कोई नहीं बचता,
इस राह से अमीर हो या गरीब सबको गुजरना है।
कितना भी उछल-कूद कर लो मगर याद रहे,
एक दिन वह दौर भी आएगा जब ठहरना है।
कौन जीता कौन हारा मुझे मत बताइए जनाब,
मुझको यह सब जानकर भला क्या करना है।
कुछ नहीं बस जीवन बुलंदियों की भीड़ है,
आदमी बंद दरवाज़े के सामने बैठा हुआ धरना है।
ख़ुशी के हों या दुःख के आँसू क्या फर्क पड़ता है,
ये जो तेरी आँख से बहता है उसका नाम झरना है।
दिलों में हौसला नस-नस में और खून भरना है,
जहाँ मुश्किल हो चलने में उसी राह से गुजरना है।
©️संदीप