किसी को अपनी जरूरत का अहसास कैसे दिलाए?

                                         

किसी की ज़िंदगी से गायब होने का मतलब यह नहीं कि आप बार बार हर एक से उसके बारे में पूछते रहो,
ऐसा करने से उसे सब पता चल जाएगा और इससे आप उसे अपने ओछेपनी का प्रूफ दोगे।
किसी की ज़िंदगी से गायब होने का मतलब है उसे अपनी कमी हर हाल में महसूस करा देना। उसे एहसास दिला देना कि आप उसके लिए कितने कीमती हो। ताकि वह फिर से आपकी जिंदगी में वापस आने के लिए मजबूर हो जाए।
आज हम जानेंगे अपना वैल्यू कैसे बढ़ाएं? किसी को अपनी जरूरत का एहसास कैसे दिलाए? अपनी कमी कैसे महसूस कराए?
कुछ ऐसे खास टिप्स जो सिर्फ आपको आपके पार्टनर के सामने ही नहीं बल्कि समाज में आपको वैल्यू दिलाएगा। इसमें जो टिप्स बताए जाएंगे वह बिल्कुल नए और 100% गारंटी के साथ आपको देखने को मिलेंगे। ये टिप्स आपके जिंदगी के हर मोड़ पर काम आएंगे। चाहे आप अपने दोस्तों में हो, चाहे आप अपने ऑफिस में हो,चाहे आप अपने घर परिवार में हो, आप हर एक के सामने खास तरीके से खुद को पेश करोगे और आपकी जिंदगी बदल जाएगी। यहां तक के ऑफिस में बाॅस भी आपको मन ही मन अपना सीनियर मानेगा, अगर आप खुद एक बस हैं तो आज से यह टिप्स आपको इतना बेहतर बना देगा कि आप के सारे एम्पलाइज दिल से आपका रिस्पेक्ट करेंगे। इसमें हम आपको सिर्फ वह 10 सूत्र व्याख्या के साथ बताएंगे जो आपके लिए बहुत ही कारगर सिद्ध होगी।
तो चलिए शुरू करते हैं। सबसे पहले हम आपको यह बताना चाहेंगे कि इन सूत्रों को कहां से लिया गया है तो दोस्तों यह सूत्र स्टोईक दर्शन से लिया गया है stoic जिन्हें आप आमतौर पर हिंदी में कहें तो आध्यात्मिक लोग कह सकते हैं या फिर दार्शनिक कह सकते हैं, समाज सेवक कह सकते हैं। ये लोग बहुत ही खास लोग होते थे, यह लोग सिर्फ और सिर्फ समाज की भलाई के बारे में सोचते थे। इनकी उपदेशों पर चल के आप अपने किसी भी कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना बहुत मजबूती और आसानी से कर सकते हैं। तो दोस्तों stoic में बहुत से लोग आते हैं जो अच्छे आध्यात्मिक लोग होते थे जैसे लाओत्से,ओशो, मलीरेप्पा और भी बहुत लोग लेकिन हम उन लोगों का नाम नहीं बताएंगे क्योंकि post बहुत ज्यादा लंबा हो जाएगा इसलिए अब आते हैं सीधे तौर से अपने मेन मुद्दे पर। दोस्तों मुद्दा हमारा तो यही है कि हम किसी के लिए खास कैसे बने रहे हमेशा और वह हमेशा हमारे बिना तरस जाए। सबसे पहले आपको खुद को खास बनाना होगा उसके लिए क्या उपाय है पहले इसे हम सूत्रों के माध्यम से समझ लेते हैं फिर लास्ट में आपको यह भी पता चल जाएगा कि जो अभी आपको छोड़ कर गया है वह कैसे वापस आएगा और आपकी अचानक गायब हो जाने के बाद वह क्या क्या फील कर रहा होगा।

तो पहला सूत्र है मजबूती।

मजबूती का मतलब सिर्फ शरीर से मजबूत होना नहीं बल्कि आपको एक खास तरीके से मजबूत होना पड़ेगा। समाज में आपको ऐसे लोग भी देखने को मिलेंगे जो शरीर से बेहद मजबूत और वजनदार दिखते हैं उनकी आवाज भी बहुत ही वजनदार दिखती है उनके बातों में दम होता है, सुनने में बहुत अच्छा लगता है, लेकिन ज्यादातर ऐसे लोग भीतर से मजबूत नहीं होते। भीतर से यह लोग मजबूत बिल्कुल नहीं होते यह बात तब पता चलता है जब कोई जरूरत आती है जब किसी चीज की जरूरत पड़ती है जब कोई हालात खराब होता है।
आपने पिक्चरों में अक्सर देखा होगा कि 5 या 10 दोस्त एक साथ जंगल में घूमने जाते हैं उसमें एक या दो ऐसे दोस्त होते हैं जो देखने में बहुत ही मजबूत और बड़े शरीर के होते हैं लेकिन हादसों का सामना करने में वह लोग सबसे पीछे होते हैं।

आपको भीतर और बाहर दोनों से मजबूत होना है लेकिन खास तरीके से मजबूत होना है, मजबूती का मतलब यह नहीं कि आप हर किसी को दिखाते फिरे कि आप कितना मजबूत है मजबूती का मतलब यह होता है कि किसी को आपके बारे में पता ना चले कि आप क्या कर रहे हैं, क्या करने वाले हैं, क्या कर सकते हैं बस दुनिया सिर्फ रिजल्ट देखे।
किसी से बिछड़ने का तकलीफ सबको होता है लेकिन इतना जान लो तुम अपने तकलीफ को जितना अधिक उसे दिखाओगे सामने वाला उतना ही भाव खाएगा। आपको कोई छोड़ गया है तो उसकी तकलीफ उसे दिखाने की कोशिश बिल्कुल मत करो। अकेले में बैठकर रो लेना लेकिन किसी के पास जाकर रोओगे तो एक दिन वो आपका मजाक जरूर उड़ाएगा और आपको इस्तेमाल करेगा। मजबूत होने का मतलब यह है कि आप इतना मजबूत बनो कि अपनी कमजोरी किसी को जाहिर मत होने दो।
अब बात करते हैं इस तरह की मजबूती कैसे लाएं अपने भीतर। ब्रेन की ताकत पहचानो, इसके लिए तुम्हें मेडिटेशन करना पड़ेगा रोज सुबह मेडिटेशन करना सीखो सारा खेल समझ में आ जाएगा । मनोविज्ञान को तुम समझ पाओगे मन और शरीर तुम्हारा कैसे काम करता है तुम इसे समझ लोगे तो दुनिया जीत सकते हो।

दूसरा सूत्र है सोच की ताकत।

सोच की ताकत पूरी कायनात को हिला सकती है। क्या होता है कि जैसे ही हम किसी से बिछड़ते हैं या कोई हमसे दूर जाता है तो हम बहुत ही सदमे में आ जाते हैं और नकारात्मक सोचने लगते हैं लेकिन ऐसा सोचने से रिश्ते का टूटने का बहुत ही अधिक खतरा रहता है क्योंकि हमारा जो mindset है वह हमेशा अल्टीमेट से जुड़ा हुआ है हम जैसा सोचते हैं वैसा ही होने लगता है। उसे बताने की कोशिश मत करो लेकिन हमेशा यह मन में पॉजिटिव सकारात्मक सोच रखो कि वह तुम्हारे पास लौट कर जरूर आएगा और यह हर हाल में मुमकिन है अगर तुम गलत नहीं हो तो कोई तुम्हें छोड़ नहीं सकता अगर तुम काबिल हो तो कोई तुम्हें छोड़ नहीं सकता कोई तुम्हारे बगैर नहीं रह सकता।
किसी भी विषय में हमेशा सकारात्मक सोच रखना चाहिए आपकी सोच आपकी जिंदगी को बहुत अधिक प्रभावित करती है। stoic कहते हैं कि मान लीजिए आपको कोई बीमारी हुई हो और आपका इलाज चल रहा हो लेकिन आपका कितना भी बेहतर से बेहतर इलाज चल रहा हो लेकिन आप मन से यह मान बैठे हो कि आपकी बीमारी ठीक नहीं हो सकती है तो यकीन मानिए वह कभी ठीक नहीं हो सकती है।

Self control

तीसरा सूत्र है सेल्फ कंट्रोल, आत्म नियंत्रण। यानी खुद को अपने काबू में रखना सीखो। उतावलापन हमें दूसरों के सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर देता है। आप जब अचानक किसी की जिंदगी से गायब हो जाते हो तो जाहिर सी बात है उसकी याद आपको आएगी भी और सताएगी, बहुत सताएगी। पर आप इतना समझ लो की जितनी आपको उसकी याद आ रही है उतनी ही उसको भी आपकी याद आएगी बल्कि आपसे अधिक आएगी। साइकोलॉजी के अनुसार अगर आप किसी से जितना दूर भागते हैं उतना ही वह व्यक्ति आपके प्रति आकर्षित होता है, साइकोलॉजी कहता है कि आप किसी की जिंदगी से निकल जाते हो तो उसे दिखाइए मत कि आप फिर उससे मिलना चाहते हैं, सिर्फ मन में आप उसे याद कीजिए इससे यह होता है कि जितना आप उसको याद कीजिएगा खामोश होकर उतना ही उसके मन में बेचैनी बढ़ेगी। यह भी ठीक है कि आप जल्दी उससे मिलने के लिए व्याकुल हो, चाहे तो मिल भी सकते हो लेकिन आप इतना जान लो कि आपको खुद पर अगर कोई बस नहीं चलता तो आप फौरन उसे मनाने के लिए चले जाते हो, आप फौरन उसे मिलने के लिए चले जाते हो, यह उतावलापन आपको किसी के सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर देता है और यही कारण है कि लोग आपकी वैल्यू नहीं करते हैं। आपका एक्स भी आपकी वैल्यू नहीं करेगा। रोना है, गिड़गिड़ाना है तो परमात्मा के सामने अकेले में रोओ, गिड़गिड़ाओ लेकिन किसी इंसान के सामने कभी मत रोना, वह हमेशा तुम्हारा नाजायज फायदा उठाएगा।
धैर्य रखना सीखो। साथ ही हमें यह भी देखना है कि अगर कोई जो ऐसा है जो आपको थोड़ा इग्नोर कर रहा है और आप उसकी जिंदगी से अचानक गायब होना चाहते हैं तो पहले यह भी तय कर लो की गलती किसकी है, कहीं ऐसा तो नहीं कि वह अपनी जगह पर ठीक है और आप अचानक उसकी जिंदगी से गायब हो जाते हो ऐसे में हो सकता है कि वह व्यक्ति आपके बगैर रहे नहीं और suicide कर ले, हो सकता है कि वह आपको बताना ना चाहे कि वह आपके बगैर नहीं रह सकता लेकिन अंदर ही अंदर कुछ गलत कर बैठे इसका भी बेहद ख्याल रखना।

चौथा नंबर सूत्र भी बेहद महत्वपूर्ण है।
स्पेशल बनो।

कोई आपकी जिंदगी से जाता ही क्यों है आखिर ऐसा क्यों होता है कि कोई आपकी जिंदगी से अचानक से चला जाता है, आपको इग्नोर करने लगता है। जाहिर सी बात है जब लोग आपसे बोर हो जाते हैं तभी वह आप से पीछा छुड़ाते हैं या तभी वह आपको इग्नोर करते हैं। हर व्यक्ति आज की दुनिया में किसी न किसी से, किसी न किसी प्रकार बोर हो ही जाता है ऐसे में इस दुनिया में इतना अधिक कंपटीशन के साथ जीना आसान बात नहीं है। आपको किसी में कुछ ना कुछ खासियत दिखा था तभी आपने उससे प्यार किया, ठीक उसी प्रकार उस व्यक्ति को भी आप में कुछ ना कुछ खास दिखा होगा तो ही वह भी आपके तरफ आकर्षित हुआ होगा लेकिन अब वही व्यक्ति आप से बोर हो रहा है आखिर क्या बात है। मतलब कहीं ना कहीं यह कमजोरी है कि आप खुद को स्पेशल बनाए रखने में सक्षम नहीं हो रहे हो, कमजोर पड़ गए। तर्कशील बानो हमेशा खुद को स्पेशल बनाए रखो इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है नॉलेज फूल होना। खुद के भीतर बहुत अधिक नॉलेज रखो किताबें पढ़ो जानकारियां रखो समझ रहे हो ना! अपने ऊपर हमेशा काम करते रहो जीवन यही है जिंदा रहना यही है, तुम सक्रिय हो मतलब जिंदा हो तुम जिंदा हो मतलब सक्रिय हो। जीवन हमेशा आगे बढ़ने का नाम है हमेशा कुछ नया करने का नाम है जो जीवंत लोग हैं जो जीवित रहते हैं जो हमेशा ताजगी से भरे रहते हैं वह हमेशा कुछ ना कुछ नया करते हैं यही कारण है कि वह हमेशा जिंदा मालूम पड़ते हैं। अपनी ताकत पहचानो stoic कहते हैं कि मनुष्य के पास जितनी ताकत है उसके दिमाग के पास जितना पावर है उसका वह 5% भी इस्तेमाल नहीं करता है। इसलिए अपनी ताकत पहचानो हमेशा खुद को स्पेशल बनाए रखो खुद को खास बनाए रखो तुम्हें किसी के पीछे दुम हिलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी लोग खुद तुम्हारे पीछे चलेंगे।

नंबर 5।
introversive.

इंट्रोवर्सी बानो, कहने का मतलब है अंतर्मुखी बानो, भीतर की तरफ मुड़ो। खुद को खास बनाए रखना है तो अंतर्मुखी बनना सीखो भीतर की तरफ मुड़ो अकेले रहना सीखो। अकेले रहना बहुत कठिन काम है लेकिन यह धीरे-धीरे आ जाता है। जब आप लगातार मेडिटेशन करने लगते हो, ध्यान करने लगते हो तो आपके भीतर आत्म बल पैदा होता है । भीतरी ताकत आंतरिक ऊर्जा रूपांतरित होती है ऊपर की तरफ उठती है और आप अपने आप में मस्त रहना सीख लेते हो। इससे लोग आपके प्रति बहुत अधिक आकर्षित होते हैं कोई भी व्यक्ति आपको छोड़ना नहीं चाहता है। stoic लोग अंतर्मुखी होते थे हमेशा अकेले रहते थे आत्मज्ञान तभी मिल सकता है जब आप अकेले आत्मनिर्भर रहते हो। सेल्फ डिपेंडेड रहना सीखो, जिस व्यक्ति को सेल्फ डिफेंडेड रहना नहीं आता है वह बहुत कमजोर होता है और समाज में धक्के खाता फिरता है।
लोग उसकी कद्र नहीं करते हैं और वह all मामले में बहुत लचीला होता है।

number 6.

अडिग योद्धा बानो।

अडिग योद्धा का मतलब होता है जो कभी डिगा ना हो।
परिस्थितिया अच्छी बुरी जो कुछ भी हो जिसने कभी हार नहीं मानी हो। stoic कहते हैं कि जिंदगी की लड़ाई सबसे बड़ी लड़ाई होती है। जंग में जाकर लड़ना आसान होता है। क्योंकि वह एक नियत समय तक होती है लेकिन जिंदगी हमें कब मोर्चा बांधकर खड़ी मिले यह कोई नहीं बता सकता इसलिए हमेशा खुद को तैयार रक्खो। अपनी बेहद बेशुमार मजबूती और साहसी इरादों के साथ आगे बढ़ो और जिंदगी की हर परिस्थिति से लड़ने की तैयारी रखो हर हाल में उस से जीतना है तो सिर्फ जीतना है हार कभी मत मानना जो मन से हार गया वह हार ही जाता है। आप जब किसी की जिंदगी से अचानक गायब हो जाते हो तो गायब हो जाने से पहले आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि आपके पास कितनी हिम्मत है कि आप अकेले रह सके। गुस्से में लिया गया हर फैसला सही हो यह जरूरी नहीं आप गुस्से में कोई फैसला ले रहे हो तो उसका सामना करना भी आपको आना चाहिए आपके पास उतनी हिम्मत होनी चाहिए कि आप अपनी परिस्थितियो का डटकर मुकाबला कर सके। इसलिए stoic कहते हैं हमें अडिग योद्धा बनना चाहिए एक ऐसा योद्धा जो हजार बार हार मिलने के बाद भी कभी हार नहीं माने, लड़ना नहीं छोड़े, मैदान में पीठ दिखाकर भागना नहीं सीखा हो। इसलिए हमें हमेशा एक अडिग योद्धा बनना चाहिए।

नंबर 7।

किसी का ऑप्शन मत बनो। आज के जमाने में लोग एक साथ बहुत सारे ऑप्शन रखते हैं रिश्तो के भी ऑप्शन होते हैं। ऑप्शनली रिश्ते होते हैं, ऐसा जैसे की कोई कपड़ा बदलता हो लोग रिश्ते बदलते हैं। आप को यह पहचानना होगा कि आप सामने वाले के लिए रियल में कुछ मायने रखते हो या फिर आप सिर्फ उसके लिए एक ऑप्शन हो। यह पहचान बहुत आसान है, आपको यह देखना होगा कि वह व्यक्ति कब-कब आपके साथ होता है और कब-कब नहीं होता है। आपको यह पहचान करनी होगी कि वह व्यक्ति कहीं ऐसा तो नहीं कि उसको जब टाइम मिलता है, उसके पास जब खाली समय होता है तभी आपके पास दौड़ा आता है। लेकिन जब आपको जरूरत होती है उसकी और उस समय वह खाली नहीं होता है तो वह आपको वक्त बिलकुल देना ही नहीं चाहता, वक्त देना ही नहीं चाहता बल्कि वक्त निकालना भी नहीं चाहता आपके लिए। अगर ऐसा हो रहा है कोई अपने खालीपन को भरने के लिए आपका इस्तेमाल कर रहा है तो पता चल जाता है कि आप सिर्फ उसके लिए ऑप्शनली हो। तो ऐसे में आपको उससे कुछ कहना नहीं है सिर्फ इस बात को परख लेनी है, कंफर्म हो जाना है कि आप वाकई उसके लिए ऑप्शनली हो। अगर ऐसा है तो आप बहुत अधिक उसके साथ दिलो जान से जुड़कर अचानक से गायब हो जाओ। मनोविज्ञान कहता है कि जब आप किसी की जरूरत बनते हो वह भी खाली समय को भरने की एक जरूर बनते हो तो आप कहीं ना कहीं उसके लिए ना चाहते हुए भी बहुत मायने रखने लगते हो, भले ही उसको लगता होगा कि वह आपको इस्तेमाल कर रहा है लेकिन जब आप उसकी हर जरूरत बन जाते हो, जब आप उसके हर दुख दर्द में हिस्सा लेने लगते हो, उसको कोई तकलीफ होती है तो दिलासा देने के लिए आप होते हो उसको कोई खुशी होती है तो वह आपसे शेयर करता है। खाली समय में भले ही वह आपको इस्तेमाल कर रहा हो यह बात अलग है लेकिन अगर ऐसा वह करता है तो यकीन मानो जब आप अचानक से गायब हो जाते हो तो वह व्यक्ति टूट के रह जाएगा, बेचैन हो जाएगा आपके लिए और हो सकता है कि वह रिश्ता जो सिर्फ एक ऑप्शनली था वह हकीकत और प्रेम में बदल जाए।

नंबर 8 ।

सहानुभूति।

सहानुभूति रखना छोड़ दो, जब आप किसी से अलग होते हो तो सबसे पहले यह बात होती है कि आपके मन में बहुत सारी काल्पनिक विचार उत्पन्न होने लगते हैं कि हो सकता है कि अब वह व्यक्ति कैसे रहता होगा मेरे बगैर, कैसे रह सकता होगा पता नहीं उसके साथ क्या हुआ क्या नहीं हुआ, आप उस व्यक्ति के बारे में हर जगह मन ही मन चुपके से पता लगाना शुरू कर देते हो। आप उसके प्रति सहानुभूति जरूरत से ज्यादा रखते हो उसकी परवाह करते हो, भले ही उस से आप अलग हो गए हो लेकिन आप उसकी परवाह करने लगते हो। कहीं ना कहीं यह बात उसको पता चलता है और वह व्यक्ति आपको हल्के में लेना शुरू कर देता है। बल्कि यू कहे कि और ज्यादा हल्के में लेना शुरू करेगा। आपको यह सोचना है कि जो भावनाएं आपके मन में उत्पन्न हो रही हैं same वही कंडीशन उसका भी होगा, वही भावनाएं उसके मन में भी उत्पन्न हो रही होंगी, तो यहां आप चालाकी से काम लो। यह दिल का मामला है लेकिन आपको काम दिमाग से लेना होगा नहीं तो आप खो सकते हैं किसी को भी खो सकते हैं।
जब आप ठहर जाते हो, बिल्कुल गुम हो जाते हो, दुनिया से कट जाते हो, ना कोई सोशल मीडिया पर उनसे संपर्क रखते हो ना किसी से उनके बारे में पूछते हो। जब बिल्कुल ही अलग हो जाते हो, गुम हो जाते हो, लापता हो जाते हो तब वह व्यक्ति आपके लिए बेचैन होने लगता है भले ही दुश्मनी से ही सही लेकिन वह कुछ ना कुछ जानना चाहता है आपके बारे में। कुछ ना कुछ पता करना चाहता है, आप बिल्कुल खामोश हो जाते हो तो वह और अधिक बेचैन हो जाता है उसके मन में कल्पनाएं हिलोरे लेने लगते हैं कि पता नहीं यह क्या कर रहा है, इसको मुझसे बेहतर कोई मिल गया है, यह अपने लाइफ में कैसे आगे बढ़ रहा है, आखिर क्या बात है कि वह अचानक मुझे छोड़ दिया पहले तो एक पल भी मेरे बिना रह नहीं सकता था, इतनी साहस उसके पास कहां से आई बहुत सारी जिज्ञासाएं उसे झकझोर देती हैं और वह आपसे मिलने के लिए बेचैन होने लगता है। तड़पने लगता है। अगर इसी बीच आप अचानक उसे जाकर मिल जाते हो तो वह सारी कल्पनाएं अचानक से गायब हो जाती हैं और वह आपको फिर से हल्के में लेता है इसलिए आपको बिल्कुल गुम हो जाना है गंभीर हो जाना है लापता कर लेना है खुद को ताकि उसे यह एहसास हो कि आप उसके लिए बहुत मायने रखते हो।

नंबर 9।

अपनी कीमत पहचानो।

जब आप अपनी कीमत खुद नहीं पहचानते, जब आप अपने स्वाभिमान को गिराकर किसी के सामने बार-बार झुक जाते हो गिड़गिड़ाना शुरू कर देते हो तो वहां आप बहुत सस्ते हो जाते हो। बाजार में जो सब्जियां बहुत अधिक महंगी होती है बहुत अच्छे से उसे लोग इस्तेमाल करते हैं बहुत संभाल के, अरे यार आप तो एक इंसान हो। तो इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि हाजिर जवाबी मत बनो। मतलब कोई आपको बुलाए और झट से चले गए कोई आपको हल्का सा पुचकार दे, दुलार दे। और आप पिघल जाएं उस पर अपना तन-मन सब वार दे यह बात आपको सस्ती बना देती है। अब यहां बात हम करेंगे की रिश्ता जो टूटा है उसे जोड़ना भी जरूरी है अगर रिश्ता सच्चा है। गलतफहमिया हो गई हैं, कोई आपको इग्नोर करने लगा है आप उसे अचानक दूर हो गए हो तो मिलना भी जरूरी है लेकिन मिलने के बाद आप करोगे क्या। तो यह समझना बहुत जरूरी है। अब यहां एक बात सबसे पहले आपको समझ लेनी चाहिए कि जब आप दोबारा से उसके साथ रिश्ता जोड़े तो अपनी गंभीरता, अपनी खामोशी अपनी वैल्यू, अपनी कीमत, और अपना स्वाभिमान सबको अपने साथ बरकरार रखें। उसके सामने हर बात पर हाजिर ना हो। किसी के पीछे दुम हिलाना बंद कीजिए। अब आपको उनके साथ बेहद गंभीरता और अपने वजन को बरकरार रखकर रहना होगा ताकि वह आपकी वैल्यू करें आपका आदर कर सकें।

दसवां नंबर।

यह भी समझना बहुत जरूरी है कि जब आप किसी को अचानक छोड़कर गायब होते हो तो अंदर ही अंदर यह भी आपको पता होना चाहिए कि किसके प्रति क्या गलतफहमी है। कहीं ऐसा तो नहीं की सब कुछ ठीक चल रहा था सिर्फ एक छोटी सी गलतफहमी के वजह से आप दोनों अलग हो गए। हो सकता है गलती आपकी हो और आप उनसे अचानक गायब हो गए। हो सकता है कि उनको लगे कि आपने सच में किसी और से रिश्ता जोड़ लिया हो और वह आत्महत्या कर ले। तो दोस्त यहां सबसे पहले यह भी समझ लेना होगा कि आप दूर किसी से जाएंगे बात अच्छी है, सिर्फ अपनी जरूरत का एहसास दिलाने के लिए जाएं लेकिन यह भी ख्याल रखें कि कहीं ऐसा ना हो कि आपके चक्कर में कोई सुसाइड कर ले, खुद को नुकसान पहुंचा ले।
आपको इस बात का बेहद ख्याल रखना चाहिए कि जब भी आप किसी की जिंदगी से अचानक दूर निकल जाते हैं तो उसका बेहद ख्याल रखें कि उस व्यक्ति को कोई नुकसान न पहुंचे अब यह काम कैसे करना है यह आपको जानना है क्योंकि आप जानते हैं कि वह व्यक्ति कब क्या करता है, किसके साथ रहता है, कैसे रहता है कैसा है।

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